महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग - मंदिर से जुड़े तथ्य, वस्तुकला , पौराणिक कथा , पूजा पद्धति और आरती , माहात्म्य।
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग वहा पर की जाने वाली भस्मारती के लिए विश्वभर में विख्यात हे। क्षिप्रा नदी के किनारे बसा उज्जैन शहर हिंदुओ की सप्तपुरी में शामिल हे और भगवान शिव को बहुत प्रिय हे , प्राचीन समय में इस शहर को उज्जियिनी या फिर अवन्तिका के नाम से भी जाना था। भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर को तीसरा स्थान प्राप्त हे, परंतु इस ज्योतिर्लिंग को सर्वोत्तम ज्योतिर्लिंग का दर्जा प्राप्त हे। कहा जाता हे , '' आकाशे तारकं लिंगं पाताले हाटकेश्वरम, भूलोके च महाकाले लिङ्गत्रय नमोस्तुते। '' - आकाश में तारक शिवलिंग , पाताल में हाटकेश्वर और भूलोक में महाकाल ही मान्य शिवलिंग हे। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को सदियों पुराना माना जाता हे , और उसके प्रागट्य के बारे में भी अनेक कथाये प्रचलित हे। एक कथा के अनुसार , प्राचीन अवंतिका नगर में राजा चन्द्रसेन का राज हुआ करता था। राजा चन्द्रसेन बहुत बड़ा शिव भक्त था , नगर की प्रजा भी शिवपूजा में लीन रहती थी। एक बार अवंतिका पर राजा रिपुदमन ने आक्रमण किया था और राक्